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Title:कबीर साहेब जी और गोरखनाथ की ज्ञानचर्चा में अनोखा संवाद
Duration:10:21
Viewed:216,925
Published:22-06-2024
Source:Youtube

कबीर साहेब जी और गोरखनाथ की ज्ञानचर्चा में अनोखा संवाद इस वीडियो में हम सुनेंगे एक रोमांचक घटना, जिसमें गोरखनाथ, एक सिद्धि से युक्त योगी, कबीर साहेब से ग्यान चर्चा के लिए उनके पास आते हैं। चर्चा के मंच पर, जब ज्ञान गोष्टी होती है, तो कबीर साहेब की के ज्ञान के सामने उनकी सिद्धि विफल हो जाती है। गोरखनाथ, जो पहले सिद्ध होने के लिए जाने जाते हैं, खुद कबीर साहब जी से माफ़ी मांगते हैं और कबीर साहेब को अपना गुरु मान लेते हैं और कबीर साहब जी से भक्ति प्राप्त की। अब सुनिए इनके बड़े रोमांचक संवाद को.... शंका समाधान : प्रश्न. गोरखनाथ जी और कबीर साहब जी के समकालीन कैसे हुए। उत्तर. गोरखनाथ जी सिद्ध पुरूष हैं। वे कबीर साहब जी से पहले ही संसार छोड़कर जा चुके थे। लेकिन सिद्ध पुरूषों के पास कुछ वर्षों तक यह शक्ति रहती है कि वे जब चाहें पृथ्वी पर प्रकट हो जाते हैं। अपने पंथ का विस्तार फिर भी करते रहते हैं। जब गोरखनाथ जी को पता चला कि काशी शहर में रामानंद जी वैष्णव पंथ का अधिक से अधिक प्रचार कर रहे है और नाथ पंत सिकुड़ता जा रहा है। तो नाथ पंत का विस्तार बढ़ाने के लिए गोरखनाथ जी ऊपर के लोक से प्रकट होकर स्वामी रामानंद जी से ज्ञान चर्चा में हराने के लिए आए थे। जब परमेश्वर कबीर साहब जी 10.12 वर्ष की लीलामय आयु में थे। स्वामी रामानंद जी की उपस्थिति में कबीर जी तथा गोरखनाथ जी की गोष्ठी हुई थी। गोरखनाथ ने परमेश्वर कबीर जी से हार मानी थी।



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