Title | : | रामानंद सागर कृत विक्रम और बेताल भाग 17 - सिद्धि पाने के लिए गुणकर ने की साधन |
Duration | : | 23:13 |
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Published | : | 02-04-2022 |
Source | : | Youtube |
Ramanand Sagar's Vikram Aur Betaal Episode 17 - Siddhi paane ke lie gunakar ne kee saadhan विक्रम बेताल को फिर से पकड़ कर ले चलता है और बेताल फिर से उसे एक काहनी सुनता है जिसमें उज्जैन नगरी में एक ब्राह्मण रहता था। ब्राह्मण का एक गुणकर नाम का एक बेटा था। गुणकर को एक बुरी आदत थी वह अपने घर के पासी चुराता था और जुआ खेलता था। गुणकर पैसे चुराता और जुए में उड़ा देता। ब्राह्मण ने साहूकार से उद्धार लिया हुआ था साहूकार के आदमी घर में आते हैं और जब ब्राह्मण उनको पैसे देने के लिए पैसे देखता है तो उसे पैसे नहीं मिलते वो समझ जाता है की गुणकर ने पैसे चुरा लिए हैं। साहूकार के आदमी ब्राह्मण को मरते हुए साहूकार के पास ले जाते हैं। साहूकार ब्राह्मण को बंदी बना लेता है और उनके परिवार से कहता है की रक़म चुका कर इसे ले जाए तो ब्राह्मण की पत्नी अपने सारे ज़ेवर देकर ब्राह्मण को मुक्त कर लेती है। गुणकर सारे पैसे हार जाता है जब वह वापस आता है तो उसका पिता उसे घर से निकाल देता है। गुणकर उस नगर को छोड़कर चला जाता है। गुणकर डार बदर की ठोकर खाता फिर रहा था उसे कोई भी भोजन नहीं देता है। भूख से गुणकर का बुरा हाल हो जाता है। गुणकर को एक साधु बुरी हालत में देखते हैं तो उसे अपने साथ ले जाते हैं। गुणकर उनसे खाने के लिए भोजन माँगता है तो साधु गुणकर को एक दिव्य पत्ता खिलाते हैं जिसे खाकर उसकी भूख मिट जाती है। साधु गुणकर को गुफा में विश्राम करने के लिए भेजता है। साधु बाबा अपनी शक्ति से गुणकर को सुख सुविधा देते हैं ताकि वो चैन से सो सके। गुणकर जसी ही गुफा मीन जाता है तो उसे अंदर महल दिखता है। गुणकर यह देख वापस से साधु के पास जाता है और उनसे इस सब के बारे में पूछता है तो साधु उसे कहते हैं की यह सब मेरी सिद्धि है। गुणकर उनसे कहता है की वो अब उनके पास ही रहेगा ताकि वो रोज़ अच्छा भोजन कर सके और सुख का जीवन जी सके तो साधु उसे मना कर देता है की वो इस सिद्धि को ऐसे व्यर्थ नहीं कर सकते लेकिन में तुम्हें 8 दिन के लिए अपने इस महल में अतिथि बनकर रख सकता हूँ। गुणकर साधु की बात मान कर वहीं रुक जाता है। गुणकर अपने 8 दिन का सुख पूरा कर लेता है तो साधु बाबा वहाँ आकर उसे जाने के लिए कहते हैं तो गुणकर उनसे कहता है की वो ये सुख पाने के लिए कुछ भी करेगा आप उसे यह सिद्धि पाने का रास्ता बताएँ। साधु गुणकर की ज़िद्द को देख कर उसे सिद्धि पाने का रास्ता बता देते हैं। गुणकर सिद्धि पाने के लिए तप शुरू कर देता है। गुणकर साधना का पहला चरण पूर्ण करने के बाद वह साधु से मिलता है तो साधु उसे कहते हैं की वो अब दूसरा चरण शुरू करने को तैयार हो जाए। दूसरा चरण शुरू होने से पहले गुणकर साधु से कहता है की वो पहले एक बार अपने घर जाना चाहता है फिर आके साधना को शुरू करेगा। गुणकर अपने घर वालों के लिए साधु से वस्त्र और पासी माँगता है साधु उसे सब दे देते हैं। गुणकर सारा सामान लेकर चल पड़ता है। गुणकर अपने घर आता है और अपने घर वालों को वो सब कुछ दे कर सारी बात बताता है। कुछ दिन बाद गुणकर वापस से साधु बाबा के पास आ जाता है और साधना कि दूसरा चरण शुरू कर देता है। दूसरा चरण पूरा होने पर साधु बाबा के पास गुणकर आता है और साधु से आकर कहता है की वो अब अपनी सिद्धि पूरी कर चुका है अब वो सब कुछ पा सकता है। साधु बाबा गुणकर की बात सुनकर उसे अपने लिए भोजन लाने को कहते हैं तो गुणकर अपनी सिद्धि का इस्तेमाल करने की कोशिश करता है लेकिन भोजन प्रकट नहीं होता यह देख कर गुणकर साधु बाबा से पूछता है की उसे सिद्धि प्राप्त क्यों नहीं हुई। इतनी कहानी सुनकर बेताल विक्रम से पूछता है की बता की गुणकर को सिद्धि क्यों प्राप्त नहीं हुई। उसने सारा साधना को पूर्ण किया फिर भी उसे सिद्धि नहीं मिली। विक्रम बेताल को बताता है की किसी भी साधना या तप तक पूर्ण नहीं होता जब तक आप उसे एकाकार होकर नहीं करते गुणकर साधना के बीच में ही अपने घर चला गया था इसलिए उससे सिद्धि प्राप्त नहीं हुई। राजा विक्रम का उत्तर सुनकर बेताल उसे कहता है की तुम्हें अच्छा निर्णय किया है लेकिन मेरी शर्त के अनुसार तुम्हें बोलना नहीं था और तुम फिर से बोल पड़े इसलिए में जा रहा हूँ। बेताल फिर से अपने पेड़ पर जाकर लटक जाता है। Subscribe Tilak Kathayein for more devotional contents - http://bit.ly/TilakKathayein विक्रम और बेताल एक भारतीय पौराणिक टेलीविजन श्रृंखला है जो 1985 में डीडी नेशनल पर प्रसारित हुई। श्रृंखला में भारतीय पौराणिक कथाओं की कहानियां थीं। कार्यक्रम की अवधारणा बेताल पचीसी पर आधारित थी, जिसे विक्रम-बेताल के नाम से भी जाना जाता है। 25 कहानियों का एक संग्रह जो वेताल (एक पिशाच) ने राजा विक्रम (महान राजा विक्रमादित्य) को सुनाई। कलाकार : अरुण गोविल सज्जन अरविंद त्रिवेदी दीपिका चीख़ालिया विजय अरोड़ा रमेश भटकर मूलराज राजदा रजनीबाला सुनील लाहिरी लिलिपुट रामा विज सतीश कौल सूरजीत मोहनत्य समीर राजदा" Watch All Ramanand Sagar's Vikram aur Betaal Episodes here - http://bit.ly/VikramAurBetaal Watch All Ramanand Sagar's Sai Baba Episodes here - http://bit.ly/SaiBabaonTilak Vikram Aur Betaal is an Indian mythology television series that aired on DD National in 1985 & re-telecast in 1988 after the hit Series Ramayan. The series contained stories from Indian mythology. The concept of the program was based on Baital Pachisi, which is also known as Vikram-Betaal (a collection of 25 tales which is narrated by Vetala to Vikram). It is about the legendary king Vikram (identified as Vikramāditya) and the ghost Betaal (identified as Vetala,[1] a spirit analogous to a vampire in western literature). The show aired at 4:30 PM Indian Standard Time on Sundays from 1985 to 1986. In association with Divo - our YouTube Partner #VikramAurBetaal #VikramAurBetaalonYouTube
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